Skip to main content

राजस्थान की चित्रकला

ब्राउन महोदय के अनुसार राजस्थानी चित्रकला का उदभव राजपूताना शैली से माना जाता है। राजस्थान की विभिन्न चित्र कलाओं के अधिकांश चित्र गोपी कृष्ण कानोड़िया संग्रहालय (उदयपुर) मे संग्रहित है।
rajasthan chitrakala
मेवाड़ चित्र शैली
  • यह राजस्थान की प्राचीनतम चित्र शैली है।
  • 1261 में मेवाड़ के महाराजा तेजसिंह के काल में रचित श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र चूर्णी इस शैली का प्रथम चित्रित ग्रन्थ है।
  • मेवाड़ चित्र शैली का वास्तविक विकास महाराजा अमर सिंह के काल में सर्वाधिक हुआ।
  • महाराजा अमर सिंह के काल में गीत गोविन्द, रागमाला, भागवत, रामायण, महाभारत इत्यादि धार्मिक ग्रन्थों के कथानकों पर चित्र बने थे।
  • मेवाड़ चित्र शैली का स्वर्ण युग महाराजा जगत सिंह के काल को माना जाता है।
  • मेवाड़ चित्र शैली मे सर्वाधिक लाल एवं काले रंगों का प्रयोग हुआ है।
  • मेवाड़ चित्र शैली में सर्वाधिक कदम्ब के वृक्षों का चित्रण हुआ है।
  • मेवाड़ चित्र शैली में पंचतन्त्र के कथानकों पर जो चित्र बने है उन्हीं मे से एक चित्र के दो नायकों का नाम कलीला-दमना है।
  • मेवाड़ चित्र शैली में सर्वाधिक श्रीकृष्ण की लीलाओं के चित्र बने है।
मारवाड़ चित्र शैली
  • 687 में शिवनाथ द्वारा बनायी गयी धातु की मूर्ति जो वर्तमान पिण्डवाड़ा ( सिरोही ) मे है इस चित्र शैली का मूल आधार है।
  • मारवाड़ चित्र शैली में सर्वाधिक श्रृंगार रत्न प्रधान चित्र बने है।
  • मारवाड़ चित्र शैली में सर्वाधिक लाल एवं पीले रंगों का प्रयोग हुआ है।
  • मारवाड़ चित्र शैली मे सर्वाधिक आम के वृक्षों का चित्रांकन हुआ है।
  • मारवाड़ चित्र शैली के नायक एवं नायिकाओं को गठीले कद-काठी के चित्रांकित किया गया है।
  • मारवाड़ चित्र शैली में राग-रागिनी, ढोला-मारू तथा धार्मिक ग्रन्थों कथानकों पर चित्र बने है।
  • राव मालदेव के काल में मारवाड़ चित्र शैली पर मुगल शैली का प्रभाव पड़ा था।
  • मुगल शैली से प्रभावित मारवाड़ चित्र शैली जोधपुर चित्र शैली कहलायी।
  • 1623 में वीरजी नामक चित्रकार द्वारा बनाया गया रागमाला का चित्र इस शैली का सबसे श्रेष्ठ उदाहरण है।
जोधपुर चित्र शैली
  • जोधपुर चित्र शैली को महाराजा सूर सिंह महाराजा जसवन्त सिंह, महाराजा अजीत सिंह तथा महाराजा अभय सिंह ने संरक्षण दिया था।
  • महाराजा अभय सिंह के काल में जोधपुर शैली का सर्वाधिक विकास हुआ।
ढूॅंढाड़ चित्र शैली
  • जयपुर तथा उसके आस पास के क्षेत्रों में विकसित ढूॅंढाड़ चित्र शैली में लाल, पीले, हरे एवं सुनहरी रंगों को प्रधानता दी गई है।
  • ढूॅंढाड़ चित्र शैली में चॉंदी तथा मोतियों का भी प्रयोग किया गया।
  • ढूॅंढाड़ चित्र शैली में धार्मिक ग्रन्थों के अतिरिक्त लोक संस्कृति के ग्रन्थों पर भी चित्र बने है।
  • ढूॅंढाड़ चित्र शैली का वह स्वरूप जिस पर मुगल शैली का प्रभाव पड़ा वह आमेर चित्र शैली कहलायी।
  • राव भारमल के काल से आमेर चित्र शैली का प्रारम्भ माना जाता है।
  • महाराजा मानसिंह के काल में आमेर चित्र शैली का वास्तविक विकास हुआ।
  • सवाई प्रतापसिंह का काल आमेर चित्र शैली का स्वर्ण युग माना जाता है।
  • आमेर चित्र शैली में मोर, हाथी, पपीहा के साथ-साथ पीपल एवं बड़ के पेड़ों का भी चित्रांकित किया गया।
किशनगढ़ चित्र शैली
  • राजस्थान की राज्य प्रतिनिधि चित्र शैली मानी जाती है।
  • किशनगढ़ के महाराजा सावन्त सिंह का काल इस चित्र शैली का स्वर्णयुग माना जाता है। जो इतिहास में नागरीदास के नाम से प्रसिद्व हुए है।
  • नागरीदास ने अपनी प्रेयसी बणी-ठणी की स्मृति में अनेकों चित्र बनवाये थे।
  • बणी-ठणी का प्रथम चित्र मोर ध्वज निहाल चन्द के द्वारा बनाया गया था।
  • बणी-ठणी को राजस्थान की मोनालिसा कहा जाता है।
  • इस शैली को प्रकाश में लाने का श्रेय डॉ0 फैययाज अली एवं डॉ0 एरिक डिकिन्सन को दिया जाता है।
  • इस शैली में सर्वाधिक नारियल का वृक्ष चित्रांकित किया गया है।
  • इस चित्र शैली में किशनगढ़ का स्थानीय गोदाला तालाब भी चित्रांकित किया गया है।
बूॅंदी चित्र शैली
  • हाड़ौती की सबसे प्राचीन चित्र शैली है।
  • बूॅंदी चित्र शैली में सर्वाधिक पशु-पक्षी एवं पेड़ों के चित्र बने है।
  • पशु-पक्षियों को सर्वाधिक महत्व इसी चित्र शैली में दिया गया है।
  • बूॅंदी चित्र शैली में सर्वाधिक धार्मिक कथानकों पर चित्र बने है।
  • बूॅंदी चित्र शैली में सर्वाधिक चम्पा के वृक्षों का चित्रांकित किया गया है।
  • बूॅंदी चित्र शैली में लाल पीले एवं हरे रंगों को महत्व दिया गया है।
  • राव सुर्जन सिंह हाड़ा के काल में बूॅंदी चित्र शैली का सर्वाधिक विकास हुआ।
  • महाराव उम्मेद सिंह के काल में बना चित्रशाला इस शैली का सबसे श्रेष्ठ उदाहरण है।
  • बूॅंदी चित्र शैली से ही कोटा चित्र शैली का उद्धभव हुआ है।
नाथद्वारा चित्र शैली
  • 1672 में महाराणा राजसिंह के द्वारा राजसमन्द के नाथद्वारा में श्रीनाथ जी के मन्दिर की स्थापना के साथ ही नाथद्वारा शैली का विकास हुआ जिसे वल्लभ चित्र शैली के नाम से भी जाना जाता है।
  • नाथद्वारा शैली मे मेवाड़ की वीरता, किशनगढ़ का श्रृंगार तथा ब्रज के प्रेम भी समन्वित अभिव्यक्ति हुई है।
  • नाथद्वारा चित्र शैली में श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के सर्वाधिक चित्र बने है।
बीकानेर चित्र शैली
  • मारवाड़ की शैली की ही उप शैली के रूप में विकसित बीकानेर चित्र शैली के कलाकारों को उस्ताद कहा जाता है।
  • राजस्थान में बीकानेर एकमात्र ऐसी चित्र शैली है जिसमें चित्रकारों ने चित्र के साथ अपने नाम भी लिखे है।
  • महाराजा अनूप सिंह के काल में बीकानेर चित्र शैली का सर्वाधिक विकास हुआ है।
  • बीकानेर चित्र शैली में भी दरबार, शिकार तथा वन-उपवन के चित्र बने हुए है।
  • बीकानेर चित्र शैली में धार्मिक ग्रन्थों के कथानकों पर भी महाराजा करणी सिंह के काल में सर्वाधिक चित्र बने।

अलवर चित्र शैली
  • आमेर तथा दिल्ली चित्र शैली की मिश्रित रूप में विकसित चित्र शैली है।
  • अलवर चित्र शैली पर सर्वाधिक मुगल चित्र शैली का प्रभाव पड़ा है।
  • अलवर चित्र शैली राजस्थान की एकमात्र ऐसी चित्र शैली है जिसमें मुगल गणिकाओं के भी चित्र बने है।
  • महाराजा बख्तावर सिंह के काल में अलवर चित्र शैली को मौलिक स्वरूप प्राप्त हुआ था।
  • महाराजा विनय सिंह का काल अलवर चित्र शैली का स्वर्ण युग था।
  • राजस्थान में मुगल बादशाहों के चित्र भी केवल अलवर चित्र शैली में बने।

Comments

  1. ये गलत चित्रसेली बताई गयी है

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Fort of Rajasthan (राजस्थान के किले)

Fort Who Built City Year  हवामहल   सवाई प्रताप सिंह   जयपुर   1798   आमेर का किला    राजा मानसिंह  आमेर  -  नाहरगढ़ का किला   सवाई माधोसिंह   जयपुर  -  जयगढ़ का किला  -  जयपुर  -  जैसलमेर का किला (सोनारगढ़) राव जैसल  जैसलमेर 1156 मेहरानगढ़ का किला राव जोधा  जोधपुर 1459 कुम्भलगढ़ का किला महाराणा कुंभा राजसमन्द - लोहागढ़ का किला महाराजा सूरज मल भरतपुर - जूनागढ़ का किला राव बीका बीकानेर 1478 चितोडगढ़ का किला चित्रागंद मोर्य  चितोडगढ़ - भटनेर का किला - हनुमानगढ़ - माँडलगढ़ का किला - भीलवाडा - अचलगढ़ का किला महाराणा कुंभा माउंट आबु 1452 भैंसोरगढ़ का किला - चितोडगढ़ 1740 बाला किला ठाकुर नवलसिंह नवलगढ़ 1737  गागरोन का किला - झालावाड़ - तारागढ़ का किला   पृथ्वीराज चौहान बूंदी - लामिया किला   - सीकर -

Lakes in Rajasthan (राजस्थान की झीले)

जिलें झीलें अजमेर पुष्कर] आनासागर] फॉयसागर उदयपुर जयसमंद] फतहेसागर] उदयसागर] पिछोला  अलवर सिलीसेढ़] विजयसागर] जयसागर चित्तौड़गढ़ भोपालसागर] राणाप्रताप सागर  जयपुर सांभर] छापरवाड़ा बीकानेर लूणकरणसर] कोलायत] अनूपसागर डूंगरपुर गैबसागर] सोम] कमला जोधपुर बालसमंद] उम्मेदसागर] प्रतापसागर बाड़मेर पचपदरा नागौर डीडवाना  श्रीगंगानगर तलवाड़ा  सिरोही नक्की झील राजसमंद राजसमंद झील  बूंदी नवलखा कोटा जवाहरसागर  भरतपुर मोती झील  चुरू तालछापर जैसेलमेर गड़ीसर] अमरसागर] बुज की झील  पाली सरदार समंद] वाकली धौलपुर तालाबशाही

Current Affairs | Current Affairs Rajasthan | July 2016

आदिवासियों और दलितों की आवाज व हजार चौरासी की माँ कही जाने वाली मशहूर लेखिका व समाजसेवी जिनका हाल ही में निधन हो गया। ( महाश्वेता देवी ) 2 9/07/2016  ( इंडिया  GK) पदम् श्री अवॉर्ड लेने से मना करने वाले व श्रोताओं की वाह और तालियों की गड़गड़ाहट ही कलाकार का पुरस्कार होता है ऐसा कहने वाले मशहूर तबला वादक जिनका हाल ही में निधन हो गया। ( लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ लछू महाराज ) 2 9/07/2016  ( इंडिया  GK) वर्ष 2016 का रमन मैग्सेसे पुरस्कार किस मशहूर संगीतकार और समाजसेवी को दिया जाएगा। (शास्त्रीय संगीतकार टीएम कृष्णा, समाजसेवी बेजवाड़ा विल्सन) 2 8 /07/2016  ( इंडिया  GK) डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए पहलवान नरसिंह यादव के स्थान पर किस भारतीय पहलवान को रियो ओलिंपिक में 74 किलोग्राम वर्ग में शामिल किया गया है।   ( प्रवीण कुमार राणा ) 2 7/07/2016  ( इंडिया  GK) हाल ही में देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट की सब्सिडायरी मिंत्रा ने फैशन और लाइफस्टाइल के लिए मशहूर किस ई-कॉमर्स कंपनी को 470 करोड़ रुपए में खरीद लिया है।   जाबॉंग डॉ...