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Showing posts from October, 2015

राजस्थान की बूंदी रियासत

1241 ई0 में देवी सिंह हाड़ा देवा हाड़ा के द्वारा बूॅंदा मीणा को पराजित कर बूॅंदी रियासत की स्थापना की गई।  बूॅंदी का नाम बूॅंदा मीणा के नाम से पड़ा। बूॅदी रियासत की प्रारम्भिक राजधानी कोटा थी। देवी सिंह हाड़ा ने बूॅंदी के निकट तारागढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया था। तारागढ़ दुर्ग को वर्तमान स्वरूप बरसिंह हाड़ा द्वारा दिया गया। राव बरसिंह हाड़ा के समय मेवाड़ के महाराजा लाखा ने तीन बार आक्रमण किया था जिसे बरसिंह हाड़ा ने विफल कर दिया। राव बरसिंह हाड़ा के पश्चात् बूॅंदी रियासत मेवाड़ के अधीन हो गई। राव सुर्जन सिंह हाड़ा के काल में बूॅदी पुनः स्वतन्त्र रियासत के रूप में स्थापित हुई। राव सुर्जन सिंह हाड़ा का अधिकार रणथम्भौर दुर्ग पर भी था। रणथम्भौर दुर्ग में ही 1569 ई0 में राव सुर्जनसिंह हाड़ा ने अकबर की अधीनता को सशर्त स्वीकार कर लिया था। अकबर ने राव सुर्जनसिंह हाड़ा को बनारस (वाराणसी) की जागीर उपहार में दे थी। राव सुर्जन सिंह हाड़ा ने बनारस में एक मन्दिर का निर्माण करवाया था तथा अपने जीवन के अन्तिम काल में सन्यास धारण कर लिया था।

राजस्थान की मेवाड़ रियासत

वर्तमान चित्तौड़गढ़, राजसमन्द, उदयपुर एवं भीलवाड़ा जिले के क्षेत्रों में मेवाड़ रियासत का साम्राज्य था। वर्तमान चित्तौड़गढ़ के निकट प्राचीन काल में शिवी जनपद का उदय हुआ जिसकी राजधानी मध्यमिका थी जिसे वर्तमान में नगरी के नाम से जाना जाता है। प्राचीन काल में चित्रांगद मौर्य के द्वारा मेसा के पठार पर स्थित चित्रकुट की पहाड़ी पर चित्तौड़गढ़ दुर्ग का निर्माण किया गया है। गुहिल नामक व्यक्ति के द्वारा मेवाड़ रियासत की स्थापना की गई। कुछ इतिहासकारों के अनुसार गुहिल शिलादित्य नामक राजा का पुत्र था। गुहिल के सिक्के आगरा से भी पुत्र हुए है। मेवाड़ रियासत के वास्तविक संस्थापक बप्पा रावल थे। बप्पा रावल बचपन में हरित ऋषि की गायें चराया करते थे। बप्पा रावल को हरित ऋषि से वरदान में मेवाड़ रियासत का राज्य प्राप्त हुआ। बप्पा रावल ने नागदा को अपनी राजधानी बनाया। बप्पा रावल ने वर्तमान उदयपुर के निकट एगलिंगजी के मन्दिर का निर्माण करवाया। मेवाड़ रियासत के शासक एकलिंगजी को मेवाड़ का राजा मानकर तथा स्वयं को एकलिंगजी का दीवान मानकर शासन किया करते है। बप्पा रावल के काल में ही कुछ इतिहासकारों के अनुसार नागदा मे

राजस्थान की शाकम्भरी रियासत

इस रियासत के संस्थापक चौहान शासक थे।  पृथ्वीराज विजय (जयनायक द्वारा रचित) तथा पृथ्वी राज रासो (चन्द्र बरदाई द्वारा रचित) के अनुसार चौहानों की उत्पति अग्निकुण्ड से हुई। अधिकांश इतिहासकार चौहानों को सूर्यवंशी मानते है। शाकम्भरी को सपालदक्ष अथवा सवादलक्ष भी कहा जाता है। छठी शताब्दी में वासुदेव के द्वारा चौहान साम्राज्य की स्थापना की गई। शाकम्भरी रियासत की प्रारम्भिक राजधानी अहिछत्रपुर थी जो वर्तमान नागौर है। चौहान शासक वासुदेव को सांभर झील का प्रवर्तक माना जाता है। वासुदेव के द्वारा ही सांभर की स्थापना की गई। 1113 ई0 में अजयराज चौहान के द्वारा अजमेर नगर की स्थापना की गई। तथा सांभर के स्थान पर अजमेर को अपनी राजधानी बनाया। 1113 ई0 में अजयराज चौहान ने ही अजमेर के निकट बीठड़ी की पहाड़ी पर अजयमेरू दुर्ग का निर्माण करवाया। बीठड़ी की पहाड़ी स्थित होने के कारण अजयमेरू दुर्ग को गढ़ बीठड़ी भी कहा जाता है। अजयराज चौहान ने चौहान साम्राज्य की सीमाओं को उत्तर में दिल्ली एवं भटिंडा तक फैला दिया। अर्णोराज 1133 ई0 - 1151 ई0 इन्हें इतिहास में आनाजी के नाम से जाना जाता है। आनाजी के द्वारा ही अज

राजस्थान की मारवाड़ रियासत

वर्तमान जोधपुर, पाली, नागौर, सिरोही, जालौर तथा बाड़मेर जिलों के क्षेत्रों में मारवाड़ रियासत थी। मारवाड़ रियासत के संस्थापक राठौड़ राजपूत थे।  अधिकांश इतिहासकार राठोड़ों की उत्पति दक्षिण के राष्ट्कूट से मानते है। मारवाड़ के राठौड़ कन्नोज के गहड़वाल से निकलकर आये। इस वंश का संस्थापक राव सीहा था। राव सीहा ने सोलंकियों के कहने पर सिंध के मारू लाखा को पराजित किया। राव सीहा तुर्को के विरूद्व लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त हुए। राव सीहा के पश्चात् उनका पुत्र आसनाथ मारवाड़ का शासक बना। आसनाथजी दिल्ली सल्तनत के सुल्तान जलालुद्वीन खिलजी के विरूद्व लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त हो गये। मारवाड़ का प्रथम सबसे प्रतापी शासक वीरमदेव का पुत्र राव चुड़ा था। राव चुड़ा ने मण्डोर को विजय कर मारवाड़ की स्थायी राजधानी बनाया। राव चुड़ा ने भाटियों को एवं जोहियों को पराजित किया। राव चुड़ा ने नागौर के सूबेदार को भी पराजित किया। अन्ततः भाटियों के विरूद्व लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। राव चुड़ा के पश्चात् मेवाड़ के राजा लाखा के सहयोग से राव रणमल राठोड़ मारवाड़ शासक बने। रणमल राठोड़ ने अपनी बहिन हॅंसाबाई का विवाह राणा

राजस्थान की आमेर रियासत

यह रियासत ढूढॉंड़ क्षेत्र में स्थापित की गई।  1137 ई0 में दुल्हेराय के द्वारा मीणाओं को पराजित कर कच्छवाह वंश की स्थापना की गई। कवि कल्लोल द्वारा रचित ढोला मारू रा दोहा के अनुसार दुल्हेराय मूल रूप से नखर (वर्तमान मध्यप्रदेश में) के राजकुमार थे तथा इन्होने चौहान राजा नलहॅंस की बेटी माखन से विवाह किया था। दुल्हेराय ने प्रारम्भ मे दौसा को अपनी राजधानी बनाया। दुल्हेराय ने वर्तमान रामगढ़ के निकट जमवायमाता के मन्दिर का निर्माण करवाया। दुल्हेराय ने कच्छवाह वंश की मुख्य रियासत के लिए वर्तमान आमेर क्षेत्र को भी विजय किया था। 1207 ई0 में इसी वंश के कोकिल देव के द्वारा दौसा के स्थान पर आमेर को राजधानी बनाया गया।  कोकिल देव ने मीणाओं तथा बड़गुजरों को पराजित कर शेखावटी क्षेत्र तक साम्राज्य का विस्तार किया। पंचम देव इस वंश के महान शासक हुए। आमेर रियासत के पृथ्वीराज सिंह ने खानवा के युद्व में राणा सांगा की तरफ से बाबर कि विरूद्व युद्व लड़ा था। पृथ्वीराज सिंह के पश्चात् भीमदेव शासक हुए। भीमदेव के भाई कुॅंवर सांगा ने सांगानेर नगर की स्थापना की। भीमदेव के भाई राव भारमल ने 1547 ई0 में भीमदेव

राजस्थान की बीकानेर रियासत

1465 ई0 में करणीमाता के आशीर्वाद से राव जोधा के पॉंचवे पुत्र राव बीका बीकानेर राज्य ( रियासत ) की स्थापना की थी।  राव बीका ने 1488 ई0 बीकानेर नगर बसाया था तथा यही पर एक दुर्ग का निर्माण करवाया था। राव बीका ने राव जोधा की मृत्यु के बाद जोधपुर पर आक्रमण कर वहॉं से धन लूटा एवं नागणेची की मूर्ति को लाकर बीकानेर रियासत में स्थापित किया। राव बीका की मृत्यु के बाद राव नरा तथा उसके पश्चात् राव लूणकरण सिंह बीकानेर के शासक बने। राव लूणकरण महान दानी था। इसलिए इतिहासकारों ने उसे "कलयुग के कर्ण" की संज्ञा दी थी। राव लूणकरण के पश्चात् राव जैतसी इस वंश के महान शासक हुए। राव जैतसी के काल की उपलब्धियों का वर्णन बिठू सूजे गाड़ण द्वारा रचित "राव जैतसी रो छन्द" नामक ग्रन्थ मे मिलता है। राव जैतसी के काल मे हुमायूॅं के भाई कामरान ने भटनेर दुर्ग ( हनुमानगढ़ ) पर आक्रमण किया था जिसे राव जैतसी ने विफल कर दिया था। 1541 ई0 राव जैतसी का मारवाड़ के राव मालदेव के साथ युद्व हुआ। जिसमें राव जैतसी की वीरगति हुई। तथा बीकानेर राज्य को राव मालदेव ने मारवाड़ मे मिला दिया। राव जैतसी के उत्तराधि

राजस्थान की जलवायु

राजस्थान की जलवायु उप-आर्द्र तथा उष्ण कटिबन्धीय है या उपोष्ण कटिबन्धीय है। राजस्थान के पूर्व में अधिकांशतः आर्द्र तथा राजस्थान के पश्चिम में शुष्क जलवायु पायी जाती है। राजस्थान का सर्वाधिक आर्द्रता वाला जिला झालावाड़ है तथा राजस्थान का सर्वाधिक आर्द्र स्थल माउण्ट आबू ( सिरोही ) है। राजस्थान के जैसलमेर एवं बाड़मेर पूर्णतया शुष्क रेगिस्तानी जिले है। राजस्थान में जलवायु विषमता सर्वाधिक रेगिस्तानी जिलों में पायी जाती है। राजस्थान में अरावली पर्वतमाला 50 सेमी महान भारतीय जल विभाजक रेखा का कार्य करती है। राजस्थान में हिन्द महासागर का दक्षिण-पश्चिमी मानसून अरबसागर की शाखा बंगाल की खाड़ी की शाखा दो शाखाओं के रूप में प्रवेश करता है। राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा अरब सागर की शाखा से होती है। राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा वाला जिला झालावाड़ है तथा राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान माउण्ट आबू ( ( सिरोही ) है। राजस्थान में सबसे कम वर्षा जैसलमेर मे होती है। अरावली पर्वतमाला के मानसून के समानान्तर होने के कारण राजस्थान मे कम एवं अनियमित वर्षा होती है। राजस्थान में सर्दियों के दिनों मे भूमध

Current Affairs Rajasthan | India Gk (October 2015)

योग गुरु एचआर नागेंद्र के अनुसार इंडियन सिविल सेर्विसेज के अफसरों की ट्रेनिंग मे किस शिक्षा को अनिवार्य किया जाएगा। ( योग शिक्षा को )  31 /10 /2015  ( इंडिया GK ) बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की सफलता के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अब मोबाइल के माध्यम से प्रचार-प्रसार करेगा। मंत्रालय ने इस प्रचार-प्रसार को करने के लिए किस कम्पनी के साथ समझौता किया है। ( सेलटिक मोबाइल मिडिया इंडिया )  31 /10 /2015  ( इंडिया GK ) किस भारतीय रेस्तरां ने लंदन में टिफिन कप 2015 के फाइनल में यूके पार्लियामेंट करी ट्रॉफी जीती। ( फ्लेवर्स बाई कुमार )  31 /10 /2015  ( इंडिया GK ) हाल ही में नेपाल में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव मे किसे नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति चुना गया है। ( विद्यादेवी भंडारी ) 31 /10 /2015  (  International  GK  ) रेल मंत्रालय द्वारा मलेशिया में अपने उपक्रम इरकॉन लिमिटेड में सयुंक्त महाप्रबंधक/वित्त एवं प्रशासन के पद पर किसकी नियुक्ति की गई है।  ( रुपेश सिंघवी की ) यूएन की स्थायी सदस्यता एवं दुनिया भर में आंतकवादी नेटवर्को के बढ़ते गठजोड़ के खतरे को मद्देनजर रखते हुए भारत-